जो प्यार से मिला उसे अपना बना लिया
हमने तो इस जहान को घर -सा बना लिया
तनहाइयों के शहर में यादों की भीड़ थी
लोगों ने खुद को भीड़ में तनहा बना लिया
वो तो बनाते रह गये हर दिन नया खुदा
हमने ही अपने -आपको बंदा बना लिया
भारी पड़ेगा औरों पे वो शख्स एक दिन
अपना वजूद जिसने कि हल्का बना लिया
वो मर गया गरीब उसूलों के वास्ते
लोगों ने उसकी मौत को जलसा बना लिया
सैलाब देखने के लिए भीड़ लग गयी
लोगों ने हादसे को तमाशा बना लिया
-रामेश्वर वैष्णव
हमने तो इस जहान को घर -सा बना लिया
तनहाइयों के शहर में यादों की भीड़ थी
लोगों ने खुद को भीड़ में तनहा बना लिया
वो तो बनाते रह गये हर दिन नया खुदा
हमने ही अपने -आपको बंदा बना लिया
भारी पड़ेगा औरों पे वो शख्स एक दिन
अपना वजूद जिसने कि हल्का बना लिया
वो मर गया गरीब उसूलों के वास्ते
लोगों ने उसकी मौत को जलसा बना लिया
सैलाब देखने के लिए भीड़ लग गयी
लोगों ने हादसे को तमाशा बना लिया
-रामेश्वर वैष्णव