कुछ लोग अपनी समस्याओं से
परेशान होते हैं
तो कुछ लोग खुद ही दूसरों के लिए
समस्या होते है
जो लोग समस्याओं से परेशान हैं,
उनका समाधान कभी न कभी हो ही जायेगा
लेकिन जो लोग दूसरों के लिए समस्या हैं,
उनका समाधान कभी नहीं होगा
ऐसे लोग दूसरों के जख्मों पर नमक छिडकते हैं
उनके घावों को देख अट्टाहस करते हैं, फिर भी
इन पर क्रोध नहीं करना चाहिए
क्यों कि वे बहुत ज्यादा तरस के काबिल हैं
अंदर से बहुत ही रीते और अधूरे हैं
दीमक लगे खोखले और भुरभुरे हैं
थोड़ी भी चोट सह नहीं पाएंगे
दरक जायेंगे, बिखर जायेंगे
दूसरों को दुख देकर कोई सुखी नहीं हो सकता
चैन से सो नहीं सकता, जी नहीं सकता
केवल धन-वैभव सुख की गारंटी नहीं है
अक्सर लोग अपनी मँहगी चीजों से दूसरों को
प्रभावित करने की कोशिश करते हैं
कुटिल मुस्कान तो चेहरे पर हमेशा विखरी रहती है
पर सच्ची हँसी को हमेशा तरसते हैं
ऐसे लोग भावनात्मक रूप से असुरक्षित होते हैं
मानसिक रूप से बीमार होते हैं
अपना कीमती समय दूसरों से घ्रणा करने
और बदले में घ्रणा पाने में ही गंवाते रहते हैं
इन्सान होकर भी न इन्सान बन पाते हैं
न ही इंसानों को समझ पाते हैं
कब उनकी नफरत विक्षिप्तता में बदल जाये
कह नहीं सकते
क्यों कि वे सच सुन नहीं सकते, सच सह नहीं सकते
किसी के साथ हो कुछ अच्छा, वर्दाश्त कर नहीं सकते --- अलका सिंह