सितारों से अकेले में मैं जब भी बात करता हूँ
खुले दिल से तुम्हारी और अपनी बात करता हूँ
मुझे मालूम है इस दौर में मुमकिन नहीं फिर भी
तुम्हें खुश देखकर मैं भी ख़ुशी की बात करता हूँ
ये मेरी खुशगुमानी है कि नादानी ,खुदा जाने
मैं तुमसे मिलके अक्सर ज़िन्दगी की बात करता हूँ
बहुत अफ़सोस है मुझको कि सब दरपन हुए झूठे
मैं अपनी ,दोस्तों की औ तुम्हारी बात करता हूँ
कली हो ,फूल -खुशबू हो ,बहारें ही बहारें हों
ख्यालों में मुझे देखो मैं कैसी बात करता हूँ
हमेशा ख़्वाब में दंगा ,तबाही ,खून ,वहशत है
मैं सपने में भी डरकर सहमी -सहमी बात करता हूँ
ये हिंदू है ,वो मुस्लिम है ,ये काफ़िर है ,वो दीवाना
सभी से प्यार है मुझको ,सभी की बात करता हूँ
-किशन स्वरूप
खुले दिल से तुम्हारी और अपनी बात करता हूँ
मुझे मालूम है इस दौर में मुमकिन नहीं फिर भी
तुम्हें खुश देखकर मैं भी ख़ुशी की बात करता हूँ
ये मेरी खुशगुमानी है कि नादानी ,खुदा जाने
मैं तुमसे मिलके अक्सर ज़िन्दगी की बात करता हूँ
बहुत अफ़सोस है मुझको कि सब दरपन हुए झूठे
मैं अपनी ,दोस्तों की औ तुम्हारी बात करता हूँ
कली हो ,फूल -खुशबू हो ,बहारें ही बहारें हों
ख्यालों में मुझे देखो मैं कैसी बात करता हूँ
हमेशा ख़्वाब में दंगा ,तबाही ,खून ,वहशत है
मैं सपने में भी डरकर सहमी -सहमी बात करता हूँ
ये हिंदू है ,वो मुस्लिम है ,ये काफ़िर है ,वो दीवाना
सभी से प्यार है मुझको ,सभी की बात करता हूँ
-किशन स्वरूप
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