काश धरती पे सितारों का बसेरा होता
रात होती भी तो महसूस सवेरा होता
तुम नहीं थे तो उजालों की तलब थी सबको
तुम न आते तो अँधेरा ही अँधेरा होता
प्यार के दीप हरेक घर में जलाए जाते
दोस्त !इस शहर पे कुछ ज़ोर जो मेरा होता
तुझसे करने को थीं ,तनहाई में बातें क्या -क्या
बीते लम्हों ने अगर मुझको न घेरा होता
खिलते रहते तेरे होंठों पे शगूफे हरदम
दुःख जो दुनिया का है तेरा नही ,मेरा होता
-किशन स्वरूप (आसमान मेरा भी है )
रात होती भी तो महसूस सवेरा होता
तुम नहीं थे तो उजालों की तलब थी सबको
तुम न आते तो अँधेरा ही अँधेरा होता
प्यार के दीप हरेक घर में जलाए जाते
दोस्त !इस शहर पे कुछ ज़ोर जो मेरा होता
तुझसे करने को थीं ,तनहाई में बातें क्या -क्या
बीते लम्हों ने अगर मुझको न घेरा होता
खिलते रहते तेरे होंठों पे शगूफे हरदम
दुःख जो दुनिया का है तेरा नही ,मेरा होता
-किशन स्वरूप (आसमान मेरा भी है )
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