गोल, बड़े -बड़े नयनों वाला
घने, स्याह गेसुओं वाला
आकर्षक मुखमण्डल वाला
हौले से मुस्काने वाला
प्रफुल्लित कर जाते बोल
लालन मेरा किधर गया
नहला कर अभी बिठाया था
तौलिया ही सिर्फ लपेटा था
दूध देखने गई रसोई
आकर होश उड़े थे मेरे
लालन मेरा किधर गया
क्या बतलाऊँ ,कितना डर गई
साँसे जैसे धक से थम गईं
ऊपर- नीचे ,ओने -कोने
सब घर में पैर पड़े थे मेरे
बाथरूम में देखा जाकर
तो आल्हादित होना था
बाथटब में बैठा लालन
पानी से छप -छप खेल रहा
वयां नहीं कर सकती वो पल
ममता का समंदर डोल गया
मन ऐसे मेरा हिलोर गया
मींठी नींद की गोद में विल्कुल
बेटा ऐसे खोया था
परीलोक में परियों के संग
सुंदर सपनों में खोया था
काम -काज निपटा लूँ जल्दी
मैं इस धुन में खोई थी
धुन में जाकर पड़ी खलल
तो बड़ी रुआँसी होई थी
सोते से अब हुआ है गायब
लालन मेरा किधर गया
घबरा कर फिर से मैंने
सारा घर खंगलाया था
जाकर वहाँ देखा मैंने
फिर तो अचम्भित होना था
अलकें विखराये चेहरे पर
निंदिया के आग़ोश में रह कर
दो नन्हीं सी कारें लेकर
बॉथटब में लेट गया
ऐसा अप्रितम दृश्य देख कर
ममता का समंदर डोल गया
मन ऐसे मेरा हिलोर गया