नमस्कार मित्रो ,मैं मुकुन्दी लाल ,होली की शुभकामनायें भी नहीं दे पाया आपको ,क्यों कि ११ तारीख से मेरा हाजमा खराब चल रहा है....अब हालत ये हो गई है कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से मुँह मोड़ कर अब सोशल मीडिया पर आ गया हूँ।
ईश्वर ने अपने द्धारा बनाई प्रत्येक वस्तु की प्रकृति ,स्वभाव अलग बनाया है, फिर इसका निचोड़ इंसान में डाल दिया और इंसान ने वही निचोड़ मीडिया में डाल दिया....हद से ज्यादा कोई भी चीज घातक होती है,आजकल मीडिया का 'कमल प्रेम 'मेरे स्वास्थ्य के लिए खोखला बना रहा है क्यों कि यह मेरे लिए असहनीय हो चला है....कल तक चौबीस घण्टे गंगा -जमुनी तहजीब के पीछे लगे रहने वाले पत्रकारों का ह्रदय परिवर्तन मेरे लिए सिर-दर्द बन गया है...मुझे लगता है सेम समस्या से आजकल अभिसार शर्मा भी ग्रस्त हैं।
जिस अदालत में मेरा मतलब चैनल पर महीनों तक यादव परिवार में किसी की छींक तक पर चर्चा होती थी ,११ के बाद वहां केंद्र सरकार की कल्याण कारी योजनाओं की चर्चा होने लगी .. कल तक मोदी के बनारस भय का वर्णन होता था वहां अब अमितशाह की रणनीति की चर्चा हो रही है ... .बड़े-बुजुर्ग नहीं कह गए वल्कि गई -गुजरी सोच यह कहती है कि आज के लोग , तभी किसी की प्रसंशा करते हैं जब या तो कुछ पा चुके होते हैं या पाने की चाह रखते हैं।
इस वक्त सोशल मीडिया ही कुछ राहत रहा है..मैं दोस्तों से ज्यादा दुश्मनों का हमेशा से सम्मान करता आया हूँ फाइनली मुझे पता लग गया कि....आडवाणी की गलती मोदी थे ,मोदी की गलती योगी हैं। रिसर्च तो बनती है चौबीसों घण्टे दिमाग प्रपंच कर कैसे लेता है... विमर्श चल रहा है ,मोदी जी योगी का जितना असहयोग करेंगे फायदे में रहेंगे वरना योगी जी का हठयोग बड़ा प्रबल है कल को प्रधानमंत्री बनने की जिद भी कर सकते हैं।
कमाल का सेन्स पाया है, कल तक गठबंधन ३०० के पार जा रहा था,मोदी से बड़ा कोई जोकर नहीं था और आज योगी मोदी से बेहतर प्रधानमंत्री हो सकते हैं जब कि मुख्यमंत्री बने दो दिन हुए हैं और वो भी बर्दाश्त नहीं हो रहा तब भी...वैसे महत्वाकांक्षी होने और मूर्ख बनने में फर्क होता है.....अमितशाह की चश्में में से झांकती मिचमिचाती ऑंखें याद हैं न.....जैसे -जैसे उनकी निगाह छल -प्रपंचों पर पड़ती जाएगी प्रपंच स्वतः स्वाहा होते चले जायेंगे।
इन नवरात्रों में फलाहार पर रहने की सोच रहा हूँ ,जागरण करने और जागृत रहने की बारी तो फूल ने -फलने वालों की ही है,आम आदमी तो प्रार्थना ही कर सकता है...मां अम्बे सभी का कल्याण करें। जय माता दी।
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