इन औरतों के कुछ गुण सच्ची में कुत्तों से मिलते हैं ,देखो न इतने सँभल कर आहिस्ता -आहिस्ता उठ कर पंखे में डंडा मारा, तब भी नींद में भी पत्नी जासूसी कर रही थी -ठंड में पंखा क्यों चला रहे हो.....इसी डर से पहले पानी की बोतल हिलाई थी लेकिन उसका पानी ऐसे उछल रहा था जैसे समंदर में सुनामी उठ रहा हो। बताता भी तो क्या बताता इनको सिवाय सोलह सिंगार के कुछ पता भी होता है ,अगर कह भी देता कि "भयानक रस"पर काम कर रहा हूँ तो समझ में आता क्या ?चन्द मिनट पहले भूकम्प आया था ,वीडियो बना रहा था, बीच में टोंक दिया।
डर फ़ैलाने में ,मैं बचपन से शौक़ीन रहा हूँ , कभी रात को साबुत उड़द ,काले तिल ,रोली और कटे नीबू लोगों के दरबाजों पर फेंक देता था तो कभी छतों पर जाकर बच्चों के कपड़ों में कट मार आता था ....उसके बाद मुहल्ले में जो हाहाकार मचता था ,मजा आ जाता था।
हिंदी साहित्य में नौ रस माने गए हैं ,इन सभी रसों की जीवन में अलग -अलग आवश्यकता और महत्व है..... वॉलीवुड के प्रिय रसों में श्रंगार रस ,वीर रस ,और वीभत्स रस रहें हैं ....पहले की फिल्मों में वात्सल्य रस और भक्ति रस का फिल्मांकन भी देखने को मिल जाता था......पर प्रथम स्थान पर आज भी श्रंगार रस (प्रेम )वीभत्स रस (घृणा ) और भयानक रस (डर )ही बने हुए हैं,यही हाल डेली सोप का भी है।
अगर राजनीति की बात करें तो यहां भी भयानक रस और वीभत्स रस ही बाजी मार ले जाते हैं वैसे भयानक रस तो सभी का प्रिय रस है चाहे वह पुलिस हो ढोंगी बाबा हों ज्योतिषाचार्य हों गुरुमहाराज हों या तांत्रिक।
कमाल का सॉल्यूशन है बेरोजगारी दूर करने का ,प्रतिदिन फलां मन्त्र का ११००० वार जप करें,सारा समय जप में ही चला जायेगा नौकरी का ख्याल खुद व् खुद ही नहीं आएगा ,जल्दी शादी के लिए फलां चीजें रख के रात के सन्नाटे में सुनसान जगह पर रख आएं और पलट कर न देखें ,वर्तमान में इंसान वैसे ही इतना निडर होता है ऐसे उपाय करेगा तो सीधे श्मशान में ही नजर आएगा,शादी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
धन्यवाद देना चाहता हूँ टीवी वालों को , हम जैसों के हाथ डर फ़ैलाने के बैठे -बिठाये अचूक उपाय दे रखे हैं ....
क्राइम पैट्रोल ,सावधान इण्डिया ,सनसनी देखो और पत्नी ,बच्चों को डराओ।शादी के बाद नौकरी छुड़वाने का ताना सुन के तंग आ गया था अब वो भी दफन हो चुका है.....दो -चार एपिसोड भी मिस कर दो तो बच्चे सीधे घर के बाहर और पत्नी टी वी या मोबाइल पर चिपकी नजर आती है ,फिर देखना शुरू कर दो ,सब सेंटर में आ जाते हैं.....भयानक रस की महिमा अपरम्पार है कुछ लोग दुनिया को डरा के मस्त हैं ,कुछ डर से त्रस्त हैं ,कुछ डर से बचाव करने में व्यस्त हैं।
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